MP And Rajasthan Top 3 Soybean new Variety मध्यप्रदेश और राजस्थान के लिए 3 सबसे उन्नत किस्मे, देगी छप्पर फाड़ उत्पादन

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MP And Rajasthan Top 3 Soybean new Variety मध्यप्रदेश और राजस्थान के लिए 3 सबसे उन्नत किस्मे, देगी छप्पर फाड़ उत्पादन फेस राजस्थान महाराष्ट्र में सोयाबीन की खेती अधिक होती है। सोयाबीन की फसल से अधिक मुनाफा कमाने के लिए सोयाबीन की अच्छी किस्मों का चयन करना अति आवश्यक है। किसान साथियों आज हम आपको मध्य प्रदेश राजस्थान के लिए प्रमुख रूप से अनुशंसित की गई सोयाबीन की प्रमुख तीन किस्मों की बीज दर, उत्पादन एवं इन की क्या-क्या विशेषताएं हैं। 

यह है सोयाबीन की 3 किस्में

सोयाबीन की प्रमुख किस्मों Top 3 Soybean new Variety MP Rajasthan में इस वर्ष जेएस 2172 आरवीएसएम 1135 एवं जे एस 2034 की डिमांड अधिक है किसानों के बीच सोयाबीन की यह वैरायटियां अपनी उपयोगिता सिद्ध कर चुकी है इनके बारे में विस्तार से जानते हैं :–

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सोयाबीन की नवीनतम किस्म जे. एस. 2172 – Top 3 Soybean new Variety MP Rajasthan 

विगत कई वर्षों से किसान इस बात से परेशान है कि जे. एस. 9305, जे.एस. 2069 के बाद एडवांस जनरेशन की विपरीत मौसमी परिस्थितियों में भी अधिक उत्पादन देने वाली मध्यम अवधि की पानी के लिये सहनशील, मोटा (बोल्ड), उच्च गुणवत्ता वाला, चमकदार सुन्दर दाना, मजबूत जड़-तंत्र, उत्तम अंकुरण क्षमता फली चटकने की समस्या न हो कम बीज दर वाली कीट एवं व्याधि हेतु बहुरोधी सहनशील किस्म उन्हें कब प्राप्त होगी!

किसानों का इंतजार अब खत्म हो चुका है, क्योंकि वर्षों के गहन अनुसंधान एवं कड़े रिसर्च के बाद जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर (JNKVV) म.प्र. द्वारा किसानों की उक्त अपेक्षाओं को ध्यान में रखते हुए सोयाबीन की नवीनतम किस्म जे.एस. 21-72 Top 3 Soybean new Variety MP Rajasthan हाल ही में जारी की है

जिसका नोटिफिकेशन क्रमांक एस.ओ. 1056 (E) दि. 6.3.2023 है। देश के मध्यक्षेत्र म.प्र. बुंदेलखण्ड, राजस्थान, गुजरात व महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र हेतु अनुशंसित की गई है जो कि मध्यम से अधिक वर्षा वाले व मध्यम से अधिक भारी मिट्टी (हवी स्वाईल) हेतु उपयुक्त किस्म है।

MP And Rajasthan Top 3 Soybean new Variety मध्यप्रदेश और राजस्थान के लिए 3 सबसे उन्नत किस्मे, देगी छप्पर फाड़ उत्पादन

इस किस्म की अवधि मध्यम लगभग 94-95 दिवस है जो कि वर्षों एवं भूमि मिट्टी की स्थितियों के अनुरूप थोड़ी परिवर्तित हो सकती है इसकी औसत उत्पादन क्षमता लगभग 25 क्विं/ हेक्टे. है किंतु किसानों से प्राप्त आकड़ों एवं व्यवहारिक स्थिति में इस किस्म ने अधिकतम 30 / 35 क्विंटल हेक्टेअर तक उत्पादन देकर किसानों को अचरज में डाल दिया है।

इस किस्म Top 3 Soybean new Variety MP Rajasthan का पौधा मध्यम ऊँचाई वाला, शाखाओं वाला फैलावदार होता है एवं इसका तना हरा होता है। इस किस्म का दाना पीला, चमकदार, अत्यंत सुंदर, हायलम ब्राउन पत्तियाँ हरी एवं पत्तियाँ चोड़ी नुकीली (ओवेट शेप), फूलों का रंग सफेद तथा फलियाँ रोएदार।

चुपाई (डिबलिग) एवं चोड़ी बीजाई हेतु एक आदर्श किस्म लाईन से लाईन की दूरी 45 से. मी. पौधे से पौधे की दूरी 7-8 से.मी. रखने पर भी आदर्श परिणाम सामान्य स्थिति में 16 से 18 इंच दूरी रखने एवं बीज दर हेक्टेअर लगभग 80 किलो रखने पर आदर्श परिणाम।

तना मजबूत होने से (लाजिंग) आड़ा पड़ने की समस्या नहीं, पौधे की ऊँचाई एवं फैलाव अच्छा होने से हरवेस्टर से काटने हेतु उपयुक्त फलियों में चटकने की समस्या न होने से कृषक को कटाई के समय Top 3 Soybean new Variety MP Rajasthan नुकसान नहीं होता है।

बायोटिक स्ट्रेस मौसमी तनाव हेतु बहुरोधी किस्म येलो मोजेक वायरस (YMV), चारकोल रॉट, पत्तियों पर बेक्टेरियल पाश्चुल एवं येलो स्पॉट के प्रति सहनशील किस्म होने से किसानों को बिमारियों से होने वाले नुकसान से एक सुरक्षा कवच एवं आत्मविश्वास प्रदान करती है। फसलों के उत्पादन में भारी खर्च एवं बढ़ती लागत को देखते हुए यह आज एक बहुत बड़ी आवश्यकता बन गई है।

अतः किसान भाई भी इस तरह की नवीन प्रतिरोधी, प्रमाणित सोयाबीन कि किस्मों का चयन करें ताकि बीमारी से होने वाले नुकसान के कारण बाद में पछताना न पड़े।

सोयाबीन की जे. एस. 2172 किस्म Top 3 Soybean new Variety MP Rajasthan अपने आदर्श गुणों के परिपेक्ष्य में अतिशीघ्र पुरानी परम्परागत किस्मों को विस्थापित कर एक आदर्श एवं उच्च स्थान बनाकर किसानों एवं बड़े क्षेत्र में आच्छादित होकर किसानों की पहली पसंद बनकर सफलतापूर्वक अपना नाम बनाने में सफल होगी।

सोयाबीन की नवीनतम किस्म RVSM 1135

मध्यम अवधि की उच्च उत्पादन क्षमता एवं असाधारण व्याधि एवं कीट निरोधकता वाली सोयाबीन किस्म 1135 किसानों Top 3 Soybean new Variety MP Rajasthan के बीच अपनी उपयोगिता सिद्ध कर चुकी है।

यह किस्म परम्परागत पुरानी किस्मों से आगे निकलकर उनके कृषि संबंधी खर्चों को कम कर उनकी आय को दुगनी कर सके तथा विपरीत जलवायु एवं परिस्थितियों में भी अपनी उच्च प्रतिरोधकता एवं सहनशीलता के कारण तथा उच्च उत्पादन क्षमता के गुण के कारण किसानों को अधिकतम सोयाबीन का उत्पादन एवं उसके अच्छे दाम किसान को प्रदान कर रही है।

सोयाबीन की यह किस्म आर. वी. एस. एम 11-35 द्वारा दिये गये आश्चर्यकारी, चमत्कारी एवं व्यवहारिक परिणामों के परिपेक्ष्य में वैज्ञानिकों एवं किसानों द्वारा लिये गये परिणाम एवं अभिमत अनुसार 100 प्रतिशत खरा उतर रही है।

सोयाबीन किस्म आर. वी. एस. एम. 11-35 Top 3 Soybean new Variety MP Rajasthan ने वर्ष 2018-19 व वर्ष 2019-20 में लगातार दो वर्षों तक ए.आई.सी.आर.पी. नेटवर्क के तहत राष्ट्रीय स्तर पर सर्वोच्च उत्पादन देने के कारण प्रथम स्थान प्राप्त किया है जो कि तकनीकी दृष्टी से एक बहुत बड़ी बात है व इस किस्म की एक बहुत बड़ी सफलता एवं उपलब्धि है।

पूरे भारत में एक नही दो-दो बार गोल्ड मेडल लेने वाली भारत की यह एक मात्र किस्म है जो कि अपने उच्चतम गुणवत्ता स्तर को स्वयं सिद्ध करती है। किसानों की भाषा में समझे तो आज की तारीख में यह एक ऐसी किस्म है जो कि वास्तविक रूप से अपनी उच्च उत्पादकता के कारण पहले किसानों के बोरे भरने वाली किस्म बनेगी। बाद में उनकी जेब भरकर उनकी आय को दुगना करेगी जिन किसानों ने इस किस्म का बीज रिसर्च सेन्टर मुरैना से लिया व इस किस्म को लगाया है वे 100 प्रतिशत इस बात की पुष्टि कर रहे है।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (I.C.A.R) की सब कमेटी मीटींग रीलीज एण्ड नोटिफिकेशन स्टेन्डर्ड ऑफ क्राप एण्ड वैरायटी द्वारा मीनीट्स 86 मीटींग 15.321 को आर.वी.एस. एम. 11-35 Top 3 Soybean new Variety MP Rajasthan को टेबल नम्बर 3 व सीरीयल नम्बर 13 पर चिन्हित कर रीलीज एवं नोटिफिकेशन के लिये अनुशासित किया गया है।

MP And Rajasthan Top 3 Soybean new Variety मध्यप्रदेश और राजस्थान के लिए 3 सबसे उन्नत किस्मे, देगी छप्पर फाड़ उत्पादन

आई.सी.ए.आर. इसी कमेटी द्वारा सोयाबीन अनुसंधान केन्द्र मुरैना से विकसित नवीन सोयाबीन आर. वी. एस. एम 11-35 Top 3 Soybean new Variety MP Rajasthan को जो कि दो विभिन्न पैतृक किस्म जे.एस 335 एवं पी.के.1042 के संकरण से तैयार की गई है, को अधिक पैदावार, पीला मोजेक वायरस एवं चारकोल रॉट एवं जड़ सड़न के प्रति प्रतिरोधकता के आधार पर एक नई सोयाबीन किस्म के रूप में मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात एवं बुंदेलखण्ड क्षेत्र के लिये अनुशंसा के रूप में चिन्हित किया गया है।

सोयाबीन किस्म आर. वी. एस.एम. 11-35 Top 3 Soybean new Variety MP Rajasthan को एडवांस जनरेशन कि भविष्य की एक अत्यन्त उन्नत किस्म है जो कि भारत के 80 प्रतिशत सोयाबीन क्षेत्र की आवश्यकताओं को पूरा करने की क्षमता रखती है तथा अन्य किस्मों से प्रतिस्पर्धा कर अपने गुणों से उन्हें विस्थापित कर अपना एक सुरक्षित स्थान बनाकर एक लोकप्रिय किस्म के रूप में अपनी जगह बनाकर अपने को शीघ्र प्रस्थापित कर लेगी।

सोयाबीन की 1135 किस्म की विशेषताये एवं गुण

औसत उत्पादन क्षमता लगभग 25-30 क्विं. हेक्ट. अधिकतम उत्पादन क्षमता व्यवहारिक एवं आदर्श परिस्थितियों में 30-35 क्विं. हेक्टे. इस किस्म Top 3 Soybean new Variety MP Rajasthan मे मानक किस्मों जैसे जे.एस. 335 व अन्य किस्मों से लगभग 18 से 28% तक अधिक उत्पादन दिया है।

इस किस्म की मध्यम परिपक्वता अवधि लगभग 94 से 96 दिवस अधिक वर्षा एवं देर तक वर्षा की स्थिति बहुत गहरी जमीनों में इस अवधि में स्वाभाविक रूप से परिवर्तन संभव है। इस किस्म में जल्दी एवं देर से वर्षा दोनों स्थितियों में समायोजन बनाकर किसानों Top 3 Soybean new Variety MP Rajasthan को बिना नुकसान पहुचायें सुरक्षित अधिकतम उत्पादन देने की असाधारण क्षमता देखी गई है।

येलो मोजेक एवं चारकोल रॉट आदि के प्रति प्रतिरोधकता एवं ऐसे ही अन्य गुणों एवं सहनशीलता के कारण एक उन्नत मल्टीपल रेजीस्टेंस वेरायटी ।

फली चटकने (शेटरींग) की समस्या बिल्कुल नही व्यवहारिक परिस्थितियों में किसानो द्वारा फसल Top 3 Soybean new Variety MP Rajasthan पकने के लगभग 15 से 20 दिन बाद तक खड़े रहने पर भी फली चटकने की समस्या नही जो कि किसानों को देगी अपनी सुविधा के अनुसार कटाई की स्वतंत्रता एवं कटाई के समय फली चटकने से होने वाली नुकसान के प्रति सुरक्षितता ।

MP And Rajasthan Top 3 Soybean new Variety मध्यप्रदेश और राजस्थान के लिए 3 सबसे उन्नत किस्मे, देगी छप्पर फाड़ उत्पादन

विपरित जलवायु परिस्थितियों मे मजबूत जडतंत्र एवं गहरी जड़े होने से इस किस्म में कम वर्षा या जल्दी वर्षा जाने की स्थिति या सूखा होने पर जमीन में गहराई में उपलब्ध नमी एवं न्यूट्रीएन्ट (तत्वों) को पौधे को उपलब्ध करवाने से पौधे पर तनाव (स्ट्रेस) कम आता है, जिससे उत्पादन पर विपरित प्रभाव कम पड़ता है।

अधिक वर्षा या देर या लम्बी अवधि तक वर्षा की स्थिति में इस किस्म Top 3 Soybean new Variety MP Rajasthan में मजबूत जडतंत्र होने व चारकोल रॉट एवं जड़गलन की समस्या नही आती जिससे इस किस्म के पौधे हर परिस्थिति एवं तनाव की स्थिति में पूरा उत्पादन देने में सक्षम होते है।

अतिवर्षा व गहरी-भारी मिट्टी वाली जमीनों, अधिक नमी वाले खेत (गलत्या) या आंशिक पानी भरने की स्थितियों में पानी सहन करने की इस किस्म की अद्भूत एवं असाधारण क्षमता ऐसे क्षेत्र के किसानो के लिए एक संकट मोचक किस्म के रूप में वरदान सिद्ध होगी।

इस किस्म की फलियों का छिलका मोटा होता है व फलियाँ रूएदार नही चीकनी होती है। जिससे भारी वर्षा की स्थिति में जब फसल कि परिपक्वता अवधि होती है।

फलियॉ सुख जाती है तब भी फली रूएदार नही चिकनी होने से वर्षा का पानी फली Top 3 Soybean new Variety MP Rajasthan पर नही ठहरता है नीचे गिर जाता है व फली का छिलका मोटा होने से वर्षा की नमी सुखे दाने तक नही पहुच पाती जिससे दाना दागी नही होता है व उसका अंकुरण भी प्रभावित नही होता है इस कारण अच्छी गुणवत्ता एवं बीज हेतु उपयुक्त होने के कारण किसान को इस किस्म के भरपूर दाम प्राप्त होते है।

इस किस्म के पौधे, ऊचाईवाले, फेलावदार, शाखायुक्त होने व फलियाँ भी तने के उपर से लगने के कारण यह किस्म हरवेस्टर से काटने हेतु अत्यन्त सुविधाजनक एवं सुरक्षित जिससे मजदूरों की समस्या एवं पैसे व समय दोनो की बचत जिससे लागत में कमी व अप्रत्यक्ष रूप से किसानों की आय मे वृद्धि।

इस किस्म Top 3 Soybean new Variety MP Rajasthan मे दानों की अंकुरण क्षमता अविश्वसनीय एवं असाधारण है जो कि लगभग 90-95% है जो कि वैज्ञानिको एवं व्यवहारिक रूप से किसानों द्वारा बताई गई है साथ ही इस किस्म के पौधे ऊचाई एवं फेलावदार होने से अन्य किस्मों की तुलना में बिजाई दर भी लगभग आधी ही रहती है। जिससे बिजाई की लागत भी आधी ही रह जाती है।

किसानों को इस किस्म Top 3 Soybean new Variety MP Rajasthan की बिजाई नई किस्म होने से भाव अधिक होने के बाद भी अन्य सोयाबीन किस्मों की तुलना में काफी सस्ती पड़ती है जिससे लागत कम होने व उत्पादन अधिक होने के कारण तथा नई किस्म होने व इस किस्म के किसानों को मिले शानदार परिणाम के कारण इस किस्म के भाव किसानों को बीज के रूप ही विक्रय होने के कारण मंडी भाव से काफी अधिक मिले है।

यह किस्म मध्यप्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात एवं बुंदेलखण्ड एवं के अन्य क्षेत्रों में अपने सदाबहार असाधारण गुणों के कारण अपना कब्जा जमाकर सम्पूर्ण क्षैत्र पर आच्छादित हो जावेगी।

सामान्य परिस्थिति में 85 / 90% अंकुरण होने पर इस किस्म Top 3 Soybean new Variety MP Rajasthan के बीजों की बिजाई दर 13 से 15 किलो प्रति बीघा या 25/30 किलो एकड या 65 / 70 किलों हेक्टे रखने तथा लाईन से लाईन की दूरी 18 इंच या 1.5 फीट रखने एवं आदर्श कार्यमाला अपनाने पर आदर्श परिणाम बीज दर निर्धारित करने से पूर्व कृषक अपने बीज के अंकुरण की जॉच बारदान में 100 दाने रखकर गिला करके सावधानी से कर लेवे, बीज का अंकुरण 85 / 90 से कम होने पर स्वाभाविक रूप से बीज दर में वृद्धि करनी होगी।

1135 की बुवाई के समय ध्यान देने वाली बातें – Top 3 Soybean new Variety MP Rajasthan 

कृषक इस बात का विशेष ध्यान रखे कि अधिक बीज दर व लाईन से लाईन की दूरी कम रखने, ज्यादा घनी बिजाई करने पर पौधों के आड़ा पड़ने (लाजिंग) की समस्या आ सकती है।

किसान इस बात का विशेष ख्याल रखे अन्यथा बाद में अपनी गलती होने के बाद भी इस किस्म को दोष देना इस किस्म के साथ अन्याय होगा। उच्च अंकुरण क्षमता फेलावदार शाखायुक्त पौधा होने से यह किस्म डिबलिंग (चुपाई) पद्धति से बोने के लिये भी एक आदर्श किस्म Top 3 Soybean new Variety MP Rajasthan है, इस हेतु पौधे से पौधे की दूरी 4 इंच पर 3-3 बीज व लाईन से लाईन की दूरी 24 इंच रखने पर आदर्श परिणाम।

अन्तरवर्तीय फसल पद्धति के लिये यह एक उपयुक्त एवं आदर्श किस्म गर्मी (उन्हालु) सोयाबीन 5 से 10 जनवरी तक बोने पर भी उपलब्ध समस्त किस्मों से गर्मी में सर्वाधिक वर्षाकाल जैसा उत्पादन देने मे भी सक्षम है। गर्मी में भी 10-12 क्विंटल एकड उत्पादन देने वाली यह एक मात्र किस्म है।

सोयाबीन की 1135 वैरायटी में तेल की मात्रा अधिक

उच्च उत्पादन क्षमता के साथ-साथ सोयाबीन की इस किस्म Top 3 Soybean new Variety MP Rajasthan में अन्य किस्मों की तुलना में तुलना में तेल की मात्रा सर्वाधिक पाई गई है परम्परागत किस्मों में तेल की मात्रा 100 किलो सोयाबीन पर 16 से 17 ली. की तुलना में इस किस्म में तेल की मात्रा 19 ली. तक पाई गई है जो कि अन्य किस्मो की तुलना में 20% अधिक है

जो कि तेल उत्पादन के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाने कि दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है। यह किस्म कृषक, वैज्ञानिक, सरकार, सोया प्लांट एवं तेल उत्पादकों एवं बीज उत्पादकों Top 3 Soybean new Variety MP Rajasthan की पहली पसंद बनने के गुण रखती है। इस किस्म में प्रोटीन की मात्रा भी अधिक होने से इससे अच्छी गुणवत्ता युक्त टोफू (सोया पनीर) एवं अन्य खाद्य पदार्थ तैयार किये जा सकते है।

1135 सोयाबीन की पहचान

प्रमुख केरेक्टर – दाने का आकार गोलाकार मध्यम बोल्ड पीला चमकदार हायलम काला, 100 दानों का वजन लगभग 11.60 ग्राम अंकुरण क्षमता बहुत अच्छी 85-90% पौधे का आकार अर्ध फैलाव वाला मध्यम ऊँचाई लगभग 53 से 60 सेमी. सेमिइरेक्ट-4-6 शाखाओं वाला तथा इन्टरनोड शार्ट पत्ती का रंग हरा आकार गोलाकार मध्यम चोडी पत्ती पत्ती चिकनी रोएदार नही ।

Top 3 Soybean new Variety MP Rajasthan हायपोकोटाइल पिंगमेंट रहित तथा कोटीलीडन कलर (दाल का रंग) गहरा पीला, फूलों का रंग सफेद, फूल आने की अवधि 38 / 40 दिवस फलियों का रंग भूरा (ब्राउन) फलियाँ रोएदार नही चीकनी फलियों मे चटकने (शेटरिंग) की समस्या नही, तीन दाने की फलियाँ अधिक फली मे औसत दानों की संख्या 2.5 से 3.2, फलियाँ। गुच्छों (बंच) में प्रोटीन की मात्रा लगभग 39% तेल की मात्रा लगभग 20%।

फसल Top 3 Soybean new Variety MP Rajasthan आने की अवधि 94 से 96 दिवस रोग येलो मोजेक व चारकोल रॉट व जड़सड़न के प्रति प्रतिरोधी क्षमता कीटरोधक क्षमता पत्ती चुसने वाले व पत्ती काटने वाले कीटों के प्रति प्रतिरोधी क्षमता / सहनशीलता आदि के कारण इस किस्म को मल्टीपल रेजीस्टेंस वेरायटी की श्रेणी में रखा गया है।

सोयाबीन की यह आर.वी.एस. एम. – 35 किस्म Top 3 Soybean new Variety MP Rajasthan को उसके गुणो के परिपेक्ष्य में उपमा देना पड़े तो यह किस्म सर्वगुण सम्पन्न, आल इन वन, आलराउन्डर, सदाबहार, निर्विवाद एक आदर्श सोयाबीन किस्म के लिए निर्धारित समस्त मानकों के अनुरूप परिपूर्ण तथा सभी को सन्तुष्ट करने वाली यह एकमात्र सोयाबीन की ऐसी किस्म है जिसे उपरोक्त संदर्भों में समस्त सोयाबीन किस्मों में किंग या सोयाबीन किस्मों का सम्राट कहा जावे तो अतिश्योक्ति नहीं होगी।

सोयाबीन जे. एस. 2034

देर से वर्षा, बाद में अवर्षा की स्थिति में रबी में अगाती फसलों डॉलर एवं देसी चना, आलू, मटर, लहसुन-प्याज, शरबती गेहूँ लगाने वाले किसान, बिजली संकट से जूझ रहे किसान खेती Top 3 Soybean new Variety MP Rajasthan में बढ़ते हुए खर्चों को देखते हुए अधिकतम प्रतिफल (आउटपुट) निकालने हेतु तीन फसल लेने की योजना का समायोजन करने हेतु, कृषकों का आकर्षण अर्ली (जल्दी) आने वाली किस्मों की तरफ बढ़ता जा रहा है।

कई वर्षों से किसान इस बात से परेशान थे कि एक अच्छी प्रमाणिक अर्ली सोयाबीन किस्म में उनके पास जे.एस. 95-60 किस्म के अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं था किंतु वर्षों के गहन अनुसंधान के पश्चात् जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय नोटिफिकेशन क्रमांक एस.ओ. 1146 (E) दि. 24.04.214 है जो कि देश के मध्यक्षेत्र मध्यप्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र हेतु अनुशंसित है।

यह किस्म Top 3 Soybean new Variety MP Rajasthan जे. एस. 95-60 के लगभग व जे. एस. 93-05 से लगभग 8-10 दिन पूर्व पककर तैयार हो जाती है। इसी उत्पादन क्षमता एवं गुण शीघ्र पकने वाली अन्य सोयाबीन किस्मों की तुलना में सर्वाधिक है। सम्राट एवं पूर्व में प्रचलित शीघ्र पकने वाली अन्य किस्मों, जिसमें कीट व्याधि का अत्यधिक प्रकोप, निरन्तर गिरती उत्पादन क्षमता के कारण उत्पादन ठीक प्राप्त नहीं हो रहा था, को विस्थापित करके एक आदर्श विकल्प के रूप में यह किस्म शीघ्र ही अपना एक उच्च स्थान किसानों में बना लेगी।

गोल अण्डाकार पत्तियाँ होने के कारण कॉम्पेक्ट या सघन प्लांट होने से शाखाएं बहुत अधिक न होने के कारण हवा प्रकाश एवं पौध संरक्षण औषधि छिड़काव के समय नीचे तक आसानी से पहुँचते हैं जिससे कीट-व्याधि नियंत्रण अधिक आसान एवं प्रभावशाली रहता है।

देरी से बोनी होने, आखरी पानी न गिरने या देरी से गिरते रहने इन सभी परिस्थितियों में समायोजन कर उच्च उत्पादन क्षमता वाली कीट व्याधि हेतु सहनशील बहुरोधी क्षमता वाली शीघ्र पकने वाली, सीधे बढ़ने वाले गुण के कारण मिश्र एवं अन्तवर्तीय फसल पद्धति के लिए मध्यम व भारी जमीनों तथा मध्यम से अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों के लिये यह एकदम उपयुक्त किस्म Top 3 Soybean new Variety MP Rajasthan है। साथ ही बहु फसल चक्र सोया-आलू-लेट गेहूँ या सोया- मटर-लेट गेहूँ या सोया-लहसुन-प्याज आदि के लिये यह एक अत्यंत उपयोगी सायो किस्म है।

सामान्य सोयाबीन किस्मों को आलू, प्याज, लहसुन के खेतों में लगाने पर जो कि अधिक खाद होने के कारण काफी उर्वरा शक्ति वाले होते हैं जिसके कारण सोयाबीन की वानस्पतिक वृद्धि काफी (Over Vegitative Growth) अधिक होती है किन्तु इस किस्म Top 3 Soybean new Variety MP Rajasthan के विशेष गुण के कारण इस किस्म के पौधों की वृद्धि अधिक नहीं होती है,

जिससे अधिक प्राप्त होने वाले तत्वा (Nutrients) का रूपान्तरण एवं प्रवाह पूरी तरह से पौधे की वानस्पतिक वृद्धि की ओर न जाकर फलियाँ / दाने की तरफ अधिक जाता है, परिणामस्वरूप इस किस्म में अधिकतम उत्पादन प्राप्त होती है।

इस सोया जाति में जल्दी कटाई होने के गुण के कारण खेत में उपलब्ध वर्षाकाल की नमी का उपयोग करते हुए असिंचित अवस्था में भी रबी फसलों Top 3 Soybean new Variety MP Rajasthan की सुखा निरोधक किस्मों का भी उत्पादन लिया जा सकता है।

MP And Rajasthan Top 3 Soybean new Variety मध्यप्रदेश और राजस्थान के लिए 3 सबसे उन्नत किस्मे, देगी छप्पर फाड़ उत्पादन

साथ ही जल्दी कटाई होने के कारण खेत खाली होने की स्थिति में अगाती (अर्ली) रबी की फसलें लहसुन-आलू-प्याज, मटर, चना डॉलर चना, शरबती गेहूँ लेने वाले किसानों के लिये यह किस्म Top 3 Soybean new Variety MP Rajasthan एक आदर्श विकल्प है।

इससे किसानों का फसल चक्र प्रबंधन अधिक आसान एवं सुविधाजनक हो जावेगा। सोयाबीन एवं आगे की रबी अगाती फसलों का उत्पादन भी जल्दी प्राप्त होने से मण्डी में उसे जल्दी विक्रय कर किसान मण्डी में भीडभाड़ से मुक्तितथा उच्चतम भाव का लाभ ले सकते हैं।

इस किस्म Top 3 Soybean new Variety MP Rajasthan का बीज उत्तम अंकुरण क्षमता होने के कारण 75-80 किलो प्रति हेक्टेयर, कतार से कतार की दूरी 30 से.मी. (एक फीट) रखने पर फसल की अवधि कम होने की स्थिति में भी इस किस्म में आदर्श परिस्थितियों में 22 क्विं. प्रति हेक्टेयर या इससे अधिक उत्पादन देने की क्षमता भी इस किस्म में है (आदर्श परिस्थितियों में)।

इस किस्म Top 3 Soybean new Variety MP Rajasthan में खरपरवार नियंत्रण उर्वरक प्रबंधन एवं खेतों में जल भराव (वॉटर लाकिंग) न हो इसका पूरा ध्यान रखें, ड्रेनेज मैनेजमेंट – चैनल पतली नालियाँ निकलकर इसे नियंत्रित करें। दाना भरने की अवस्था में अधिकतम उत्पादन लेने हेतु इस किस्म में भी उचित नमी बनाए रखना आवश्यक है। वर्षा में अधिक विलम्ब की दशा में सिंचाई की व्यवस्था शीघ्र करें। बोनी के समय सीड ड्रिल के साथ पावड़ी का उपयोग अवश्य करें।

सोयाबीन की वैरायटी 2034 की पहचान – Top 3 Soybean new Variety MP Rajasthan 

प्रमुख गुण (केरेक्टर) : दानों का आकार – गोलाकार, मध्यम बोल्ड, 100 दानों का वजन 11-12 ग्राम, दाने का प्रकार पीला चमकदार, नाभिका (हायलम) काला, अंकुरण क्षमता उत्तम 80-90 प्रतिशत तक, पौधे का प्रकार बौनी किस्म 40-45 से.मी. परिमित वृद्धि (डिटरमिनेट प्लांट), कम फैलने वाला, सीधा प्लांट (इरेक्ट), पत्तियों का रंग गहरा हरा, पत्ती का आकार गोल अण्डाकार, रोएं फलियाँ रोएंदार नहीं।

Top 3 Soybean new Variety MP Rajasthan आधे फूल आने की अवधि 34-36 दिवस (अर्ली) फूलों का रंग सफेद, फली का रंग पीला, फली का प्रकार – 2-3 दाने की फलियाँ, फलियाँ चटकने की समस्या नहीं, आदर्श पोध संख्या 6 लाख पौधे प्रति हेक्टेयर फसल की अवधि 85-88 दिवस, तेल की मात्रा 20-22 प्रतिशत, प्रोटीन की मात्रा 40-41 प्रतिशत।

MP And Rajasthan Top 3 Soybean new Variety मध्यप्रदेश और राजस्थान के लिए 3 सबसे उन्नत किस्मे, देगी छप्पर फाड़ उत्पादन

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सोयाबीन की अन्य उन्नत किस्मों के बारे में भी जानिए

Top 3 Soybean new Variety MP Rajasthan

RVSM-2018

  • अवधि – 92 से 95 दिन
  • उत्पादन – 5 से 6 क्विंटल प्रति बीघा

RVSM-1110

  • अवधि – 94 से 98 दिन
  • उत्पादन – 6+ क्विंटल प्रति बीघा

JS-9560 – Top 3 Soybean new Variety MP Rajasthan 

  • अवधि – 85 से 90 दिन
  • उत्पादन – 4 से 5 क्विंटल प्रति बीघा

JS-5315

  • अवधि – 82 से 88 दिन
  • उत्पादन – 5+ क्विंटल प्रति बीघा

JS- 2117

  • अवधि – 95 से 100 दिन
  • उत्पादन – 5 से 6 क्विंटल प्रति बीघा

JS-2333

  • अवधि – 96 से 102 दिन
  • उत्पादन – 6+ क्विंटल प्रति बीघा

JS-2069 – Top 3 Soybean new Variety MP Rajasthan 

  • अवधि – 110 से 115 दिन
  • उत्पादन – 6+ क्विंटल प्रति बीघा

NRC- 138

  • अवधि 90 से 92 दिन
  • उत्पादन – 5 क्विंटल प्रति बीघा

NRC- 142

  • अवधि 92 से 95 दिन
  • उत्पादन – 5 क्विंटल प्रति बीघा

NRC- 150

  • अवधि 92 से 95 दिन
  • उत्पादन – 6 क्विंटल प्रति बीघा

NRC- 152 – Top 3 Soybean new Variety MP Rajasthan 

  • अवधि 92 से 96 दिन
  • उत्पादन – 6 क्विंटल प्रति बीघा

KDS- 726 फुले संगम

  • अवधि – 105 से 110
  • उत्पादन 5 से 7 क्विंटल प्रति बीघा

KDS- 753 कीमिया

  • अवधि – 90 से 93
  • उत्पादन 6 से 8 क्विंटल प्रति बीघा

KDS – 992 फुले दुर्वा

Top 3 Soybean new Variety MP Rajasthan

  • अवधि – 90 से 95
  • उत्पादन 7 से 9 क्विंटल प्रति बीघा