विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में साल के आखिरी सप्ताह में आस्था का सैलाब उमड़ गया है। देशभर से भक्त भगवान महाकाल के दर्शन करने के लिए जा रहे है। मंदिर प्रशासन ने सुगम दर्शन व्यवस्था के इंतजाम कर दिए है। आने वाले दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या और बढ़ने का अनुमान लगया गया है। मंदिर प्रशासन द्वारा भक्तों को टनल व सभा मंडप के रास्ते मंदिर में प्रवेश देकर कार्तिकेय व गणेश मंडपम से भगवान के दर्शन करवा रहे है।
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मंदिर के भीतर दर्शन व्यवस्था सुगम हो गयी है। श्रद्धालुओं को समूह में सतत चलायमान व्यवस्था से दर्शन कराने के कारण भीड़ एक स्थान पर रुक नहीं रहा है। दर्शनार्थी चलते-चलते भगवान महाकाल के दर्शन करते हुए मंदिर से बाहर को और निकल रहे है। लेकिन महाकाल मंदिर के बाहर यातायात व्यवस्था ध्वस्त है। दुकानों के अतिक्रमण व सड़क किनारे फूल पत्ती की दुकानें लगने से आवागमन प्रभावित बहुत ज्यादा प्रभावित हो रहे है। जिम्मेदार बाधा हटाने के बजाय बैरिकेड्स लगाकर मुख्य चौराहे व मार्गों को बंद कर रहा है। इससे यात्रियों को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पढ़ रहा है।
यातायात की सुगमता
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उज्जैन में हरसिद्धी मंदिर चौराहा से त्रिवेणी संग्रहालय तक मार्ग के एक हिस्से से प्रवेश चालू रखा गया है। हरसिद्धि से नृसिंह घाट पहुंच मार्ग से दुकान का अतिक्रमण व फूलपत्ती की दुकानें हटाएं ताकि आवागमन सही से हो सके। महाकाल मंदिर के मुख्य द्वार के सामने अपना स्वीट्स से बड़े गणेश की ओर हरसिद्धि चौराहा तक रास्ते के एक हिस्से को पैदल यात्री तथा दो पहिया वाहनों के लिए फ्री रखे गए है। इससे यात्री सुविधा पूर्वक महाकाल महालोक, हरसिद्धि, शिप्रा तट व नृसिंह घाट तक सुविधा से आ सकेंगे। अपना स्वीट्स व गोपूबालेश्वर मंदिर की गलियों को अतिक्रमण मुक्त करना बहुत ज्यादा जरुरी है। यहां रिक्क्षा चालकों ने पार्किंग बना रखी है। इससे भी यातायात प्रभावित हो रहा है।